मशाल बन ओरों की तू क्यूँकि है बेमिसाल तू। मशाल बन ओरों की तू क्यूँकि है बेमिसाल तू।
बस जारी रखना है गति की अपने और पर कर जाना है ये 'अनजान सा सफर'। बस जारी रखना है गति की अपने और पर कर जाना है ये 'अनजान सा सफर'।
तेरे संग संग मैं चलूं तेरे रोम रोम में बसूं तेरे संग संग मैं चलूं तेरे रोम रोम में बसूं
प्राणी तो किसी भी ग्रह का वासी हो, सबका ही कल्याण तो वह करता है। प्राणी तो किसी भी ग्रह का वासी हो, सबका ही कल्याण तो वह करता है।
हर्षित मन खिला हैं गुलशन आया बसंत..... हर्षित मन खिला हैं गुलशन आया बसंत.....
मत खेल प्रकृति से तू इतना... मत खेल प्रकृति से तू इतना...